संग संग चलना अधूरा रह गया लोग तूम्हारे साथ थे तूम्हे नीचा गिराने मे
ओर दोष किस्मत को दे दिया ?
ठोकर खीलाना जमाऩे की रीत है!
ओर इंजाम दिया मासूमियत को?
जब आखिरी मंजिल खडी थी !
तब समझी इस खेल को - गालीब इस जमाने मे हर रिश्ता एक खेल है !
जिसने फरेब सिख लिया वही यहा शेर है।।,💜💜ks💜💜