धूप से किया वादा नहीं भुलाया, साए में अपना साया नह | हिंदी Shayari

"धूप से किया वादा नहीं भुलाया, साए में अपना साया नहीं भुलाया। दर्द की हसरत थी और चैन की भी, भुलाया उसे पर सारा नहीं भुलाया। मुझे इसलिए भी सुकूं देती है रौशनी मैंने ज़ीस्त का अंधेरा नहीं भुलाया। देखा नहीं बरसों से लौटा नहीं मगर, कश्ती ने कभी किनारा नहीं भुलाया। मुफलिसी ने खरीदें हैं जूते लेकिन, पैरों ने कोई छाला नहीं भुलाया। ©Dhruv Sharma"

 धूप से किया वादा नहीं भुलाया,
साए में अपना साया नहीं भुलाया।

दर्द की हसरत थी और चैन की भी,
भुलाया उसे पर सारा नहीं भुलाया।

मुझे इसलिए भी सुकूं देती है रौशनी
मैंने ज़ीस्त का अंधेरा नहीं भुलाया।

देखा नहीं बरसों से लौटा नहीं मगर,
कश्ती ने कभी किनारा नहीं भुलाया।

मुफलिसी ने खरीदें हैं जूते लेकिन,
पैरों ने कोई छाला नहीं भुलाया।

©Dhruv Sharma

धूप से किया वादा नहीं भुलाया, साए में अपना साया नहीं भुलाया। दर्द की हसरत थी और चैन की भी, भुलाया उसे पर सारा नहीं भुलाया। मुझे इसलिए भी सुकूं देती है रौशनी मैंने ज़ीस्त का अंधेरा नहीं भुलाया। देखा नहीं बरसों से लौटा नहीं मगर, कश्ती ने कभी किनारा नहीं भुलाया। मुफलिसी ने खरीदें हैं जूते लेकिन, पैरों ने कोई छाला नहीं भुलाया। ©Dhruv Sharma

Dhoop se kiya vaada nahin bhulaya.

#urdu #urdushayari #ghazal #Shayar

People who shared love close

More like this

Trending Topic