15/11/2023 क्या लिखे थे खत जो पहुंचे न हजूर साज़ि | हिंदी Shayari

"15/11/2023 क्या लिखे थे खत जो पहुंचे न हजूर साज़िश सारी आपकी थी जो करना चाहा दूर जमाना तो बहाना था बदल जाते हैं दस्तूर जब खुद के दिल मिले ही न क्या जमाने का कसूर ©Deep Chauhan"

 15/11/2023
क्या लिखे थे खत
जो पहुंचे न हजूर 
साज़िश सारी आपकी थी
जो करना चाहा दूर
जमाना तो बहाना था
बदल जाते हैं दस्तूर
जब खुद के दिल मिले ही न
क्या जमाने का कसूर

©Deep Chauhan

15/11/2023 क्या लिखे थे खत जो पहुंचे न हजूर साज़िश सारी आपकी थी जो करना चाहा दूर जमाना तो बहाना था बदल जाते हैं दस्तूर जब खुद के दिल मिले ही न क्या जमाने का कसूर ©Deep Chauhan

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