"बन्द पिंजरे मे तडप रहीं थी रूह मेरी ।
देख तुझे एक रोज
खुले आसामां मे जीने को जी ललचाया।।
ताड़पती रूह को मेरी जब तुने अपनाया।
मानो मुझे जनत अदा फरमाया गया ।।
one_side_love097"
बन्द पिंजरे मे तडप रहीं थी रूह मेरी ।
देख तुझे एक रोज
खुले आसामां मे जीने को जी ललचाया।।
ताड़पती रूह को मेरी जब तुने अपनाया।
मानो मुझे जनत अदा फरमाया गया ।।
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