Jab Insaan Pyar Mein Hota Hai जब इंसान प्रेम में होता है,
अपनों को भूल जाता है।
अंधा जीवन जीने वाला,,
प्रज्जवलित हो जाता है।
सोच रहा होता है कि मुझे,
नवजीवन प्राप्त हुआ है।
अपने तो कभी अपने ना थे,
अब अपना कोई हुआ है।
मायावी दुनिया में फिर से,
मायाजाल में खो जाता है।
जब इंसान प्रेम में होता है,
अपनों को भूल जाता है।।
©Satish Kumar Meena
प्रेम