विपरीत हालातों मैं भी मुस्कराना माँ से सिखा है । | हिंदी शायरी

"विपरीत हालातों मैं भी मुस्कराना माँ से सिखा है । आग की तरह तपता हूँ बर्फ का सौला बनकर क्योंकि हालातों से लड़ना बापू ने सिखाया है ।। ©fateh singh sodha"

 विपरीत हालातों मैं भी मुस्कराना माँ से सिखा है ।

आग की तरह तपता हूँ बर्फ का सौला बनकर

 क्योंकि हालातों से लड़ना बापू ने सिखाया है ।।

©fateh singh sodha

विपरीत हालातों मैं भी मुस्कराना माँ से सिखा है । आग की तरह तपता हूँ बर्फ का सौला बनकर क्योंकि हालातों से लड़ना बापू ने सिखाया है ।। ©fateh singh sodha

हालातों से लड़ूंगा #माँ #पापा

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