" लोग कहते है जाम मे है
नशा तों इसके नाम मे है
कैसा भी हो छोटा - बड़ा
चलन इसका हर काम में है
पीता है बेरोजगार भी इसे
चाहे कितने भीं दाम में है
सुबह को थोड़ा कड़वी लगे
सुरूर तों इसका शाम में है
जो रस इसमें घुला है यारों
वो कहाँ अंगूरो आम में है
लॉकडाउन में भी हासिल हुई
ये चीज हुकूमत ए बाम में है
🖋️🖋️महेन्दर बाबू अल्मोड़ा!
©mahendra babu almora
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