कसमें और वादे ये सुबह भी शाम हो जाती ,
गर तुम मेरे नाम हो जाती ,
क्या ग़ैरत नहीं होता ये चाँद भी ,
जो तुम आसमानों के नाम हो जाती ?
हवाओं को रूख बदलने की आदत है ,
तुम जो रूख बदलती तो ,
सारी वफायें बदनाम हो जाती ।
[ग़ैरत - लज्जित]
क्या गैरत नहीं होता ये चाँद भी ,
जो तुम आसमानों के नाम हो जाती ?
#LoveShouldWin