ये वक्त किसी का कटता नही
और किसी पे बचता नही
कोई है जो काम की तलाश में
अपने जूते घिसे जा रहा
कोई है जो काम के बोझ
तले दबा जा रहा
कोई है जो घर जाने को
बेताब है
और कोई है जो
घर बैठने से बेहाल है
ये बेरोजगारी तो बस एक भ्रम है
असल में ये एक सोची समझी चाल है
©Ankit Srivastava
#Time