कार्तिक मास शुरू होते ही धार्मिक कार्यों की मची धूम से समूचा ब्रजमंडल कृष्णमय हो उठता है। कार्तिक मास में दीपदान के साथ साथ पवित्र नदी मे स्नान, श्रीमद भागवत का श्रवण, तारों की छांव में स्नान और दान इत्यादि का बड़ा महत्व है। कान्हा की नगरी में सबसे अधिक महत्व ब्रजमंडल की परिक्रमा का होता है। ब्रज मण्डल परिक्रमा में जहां चौरासी कोस की परिक्रमा की जाती है वहीं जो भक्त परिक्रमा नहीं कर सकते है, वे गोवर्धन की सप्तकोसी या वृन्दावन की पंच कोसी या मथुरा की पंचकोसी अथवा राधारानी की गहवरवन की परिक्रमा करते हैं। किसी कारण से इन परिक्रमाओं को जो श्रद्धालु नही कर पाते वे वृन्दावन के राधा दामोदर मन्दिर में रखी उस गिर्राज शिला की परिक्रमा करते हैं जिसे भगवान श्यामसुन्दर ने स्वयं सनातन गोस्वामी को दिया था।
एकादशी के पावन दिवस पर श्री धाम वृंदावन की परिक्रमा का आनंद 🙏😊
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