अहम का तुच्छ - नक़ाब ओढ़े, बात बात पर त | हिंदी शायरी

"अहम का तुच्छ - नक़ाब ओढ़े, बात बात पर ताव दे जाते हैं, ज़रा एहतियात बरतें, लफ़्ज़ों के चुनाव में, सुना है गहरे घाव दे जाते हैं, @सुरेंद्र आगरी"

 अहम का तुच्छ - नक़ाब ओढ़े,
           बात बात पर ताव दे जाते हैं,
   ज़रा एहतियात  बरतें,
 लफ़्ज़ों के चुनाव में,
           सुना है गहरे घाव दे जाते हैं,

                                


                                 @सुरेंद्र आगरी

अहम का तुच्छ - नक़ाब ओढ़े, बात बात पर ताव दे जाते हैं, ज़रा एहतियात बरतें, लफ़्ज़ों के चुनाव में, सुना है गहरे घाव दे जाते हैं, @सुरेंद्र आगरी

#लफ़्ज़ों_का_चुनाव
#अहम_का_तुच्छ_नकाब

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