क्या खुश रहने के लिए कोई वजह चाहिए? नहीं, बस नज़र

"क्या खुश रहने के लिए कोई वजह चाहिए? नहीं, बस नज़र का नज़रिया बदलना चाहिए, अगर बदल गया नज़रिया तो वो कीचड़ करने वाली बारिश अपनी बूँद के टिप्पों से मधुर ताल सुनाएगी, जब अपनी घर की छत पर नज़र फेरोगे उन्ही बूँद की लहरें नाच दिखाएंगी, और वो डरावने से लगते गरजते बादल में से जोश भारी आवाज़ आएगी जो तुम्हे आगे बढ़ने को प्रेरणा देकर जाएगी, गर, बदल गया नज़रिया"

 क्या खुश रहने के लिए 
कोई वजह चाहिए? 
नहीं, बस नज़र का नज़रिया
बदलना चाहिए,
अगर बदल गया नज़रिया
तो वो कीचड़ करने वाली बारिश 
अपनी बूँद के टिप्पों से 
मधुर ताल सुनाएगी, 
जब अपनी घर की 
छत पर नज़र फेरोगे 
उन्ही बूँद की लहरें 
नाच दिखाएंगी, 
और वो डरावने से लगते
गरजते बादल में से 
जोश भारी आवाज़ आएगी 
जो तुम्हे आगे बढ़ने को 
प्रेरणा देकर जाएगी, 
गर, बदल गया नज़रिया

क्या खुश रहने के लिए कोई वजह चाहिए? नहीं, बस नज़र का नज़रिया बदलना चाहिए, अगर बदल गया नज़रिया तो वो कीचड़ करने वाली बारिश अपनी बूँद के टिप्पों से मधुर ताल सुनाएगी, जब अपनी घर की छत पर नज़र फेरोगे उन्ही बूँद की लहरें नाच दिखाएंगी, और वो डरावने से लगते गरजते बादल में से जोश भारी आवाज़ आएगी जो तुम्हे आगे बढ़ने को प्रेरणा देकर जाएगी, गर, बदल गया नज़रिया

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