अजीब देखा मनज़र पीरी - मुरीदी का, किसी को मुकम्मल | हिंदी विचार

"अजीब देखा मनज़र पीरी - मुरीदी का, किसी को मुकम्मल देख के दे दी खिलाफत, किसीको खिलाफत देके, मुकम्मल कर दिया... ©Shahebaaz Ali"

 अजीब देखा मनज़र
पीरी - मुरीदी का,
किसी को मुकम्मल देख के
दे दी खिलाफत,
किसीको खिलाफत देके,
मुकम्मल कर दिया...

©Shahebaaz Ali

अजीब देखा मनज़र पीरी - मुरीदी का, किसी को मुकम्मल देख के दे दी खिलाफत, किसीको खिलाफत देके, मुकम्मल कर दिया... ©Shahebaaz Ali

#murshid
#खिलाफत
#मुरीद

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