Unsplash तोड़ कर मुझको,वो सजाते हैं घर अपना,
रोन्द कर मुझको वो दिखाते हैं हक अपना,
रिश्तों में बांध कर दम यू घोंटते है,
सांस लेने की कीमत गुलामी बोलते हैं,
पाक खुदको दिखाने के लिए,
मेरे दामन में कांटे छोड़ते हैं
क्यों पति इस तरह के होते हैं।
क्यों पति इस तरह के होते हैं।।
©Sunvinder Kaur
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