एक मोड़ आया था और...
एक मोड़ आया था और हम मुड़ गये,
भूलकर सुहाना अतीत, आगे निकल गए।
मंजिल एक थी, पर वहाँ पहुँचे अजनबी बन,
साथ थे जो हर पल, अब दिखाते हैं बेगानापन।
कई अनजाने, जीवन के सूनेपन में साथी बने,
कितनी नयी कहानियां बनी, हमारी दूरियों में।
आज एक और मोड़ आया है, चलो मिलकर चलें,
रिश्ते निभाते हुए अगली मंजिल पर साथ पहुंचे।
आराधना अग्रवाल
©Aaradhana Agarwal
एक मोड़ आया था और..
#thepoeticmeee