Meri Mati Mera Desh _____ लोग _____
इश्क किसी और से,
और शादी किसी और से कर रहें हैं लोग।
गिरगिट से भी जल्दी,
अपना रंग बदल रहें हैं लोग।
यादें चाहत स्वभाव कुछ नहीं है,
सब छोड़ रहें हैं लोग।
विश्वास में अब दुनियां टिका नहीं है,
उसे भी तोड़ रहें हैं लोग।
पराये को अपना बना रहें हैं,
और अपनों से दूरी बना रहें हैं लोग।
आसमान में अकेले उड़ना चाहते हैं,
इसलिए दूसरे को नीचे गिरा रहें हैं लोग।
अपनी खुशी के लिए,
दूसरे को रुला रहे हैं लोग।
इंसानियत क्या होती है,
सब भुला रहे हैं लोग।
©Govindkumar Banjare
#MeriMatiMeraDesh #Love