पापा
आपसे ज्यादा बात तो नहीं करती मैं
लेकिन आपकी हर बात मुझे याद है
कितने ही संघर्ष आए हमारे जीवन में
लेकिन आपने हमे नाजों से पाला है।
जब आप डांटते थे तो बुरा जरूर लगता था
लेकिन इस भीड़ में कइयों से बेहतर बनाया है
आपसे धैर्य, ईमानदारी ,
हर किसी से बिना स्वार्थ के स्नेह रखना आया है
आपसे जाना कि
बिना दिखावे की जिंदगी में कितना सुकून है
कभी आपसे खुलकर कहा तो नही
लेकिन बहुत याद आती है आपकी
आपके लिए हम कुछ नही कर सके
इसका अफसोस तो रहेगा
लेकिन हमारे लिए हमे काबिल जरूर बनाया है
आज मन हुआ की में आपके लिए कुछ लिखूं
लेकिन कलम में भी उतना होंसला नहीं
और शब्दों में वजन जिससे आपका वर्णन
कर सकू।
©Bhumika kaushik
#मेरे पापा