रब की इबादत भी क्या होती हैं,
मैन अपने पिता से जाना है!
झुलसती हुए धुप में बदन को, तापते हुए!
अपने हाथो के रेखाओं को,निहारते हुए !
अपने किस्मत पर मुस्कुराते हुए !
हमेशा रब की इबादत में मगन रहते हुए ॥
रब की इबादत में........
सर की पसीना को पांव तक बहाते हुए !
पैर के छल्ले के दर्द को , आसुओ के रूप में छुपाते हुए !
अपने सपनो के टूट जाने के, गम को छुपाते हुए !
अपने गम को छुपाते हुए, बच्चो के खुशियों को समेटते हुए!
फिर भी ! रब की इबादत में उन्हें हर पल धन्यवाद देते हुए !
रब कि इबादत में.........
फरेब बेरहमी धोखा धडी की दुनिया में,
ईमानदारी क्या होती हैं,
मैने अपने पिता से जाना हैं ॥
अपना सब कुछ निछावर कर के,
अपने पिता को खाली हाथ पाया है!
इस दुनिया का स्वरूप को,
मैने अपने पिता से जाना है॥
©Samima Khatun
#CrescentMoon Dedicated to my father 😊🙏