White उमड़ा एक सैलाब है
कतरा कतरा , हर आस है
सपनो की सीढ़ी को पार किया
कितनी मेहनत,कितनी लगन से
सपना वो साकार किया
सपनो की डोर , सब सपने ले डुबी
कुछ करने की चाह ही हरा बैठी
चीत्कार की गूंज ने झकझोर दिया
स्वाभिमान ने मौत का उपहार दिया
घाव गहरा बन गया
दिल में शूल बन
सदा का जख्म कर गया
कितनी तकलीफ , कितनी बेबसी महसूस हुई होगी
कितनी तकलीफ, कितनी बेबसी महसूस हुई होगी
तड़पती रूह की खबर जब घर तक गई होगी
©Neha Bhargava (karishma)
#खौफ