बिलकुल सुब्ह सुब्ह की है बात
शायद देखा हो कोई ख्वाब
दिल ने दिमाग़ को नॉक किया
और एक खत दिया
खत में लिखा था
सुप्रभात
हम हैं साथ साथ
शरीर तो गाड़ी है
हम दोनों हैं चाक़
हम बिन गाड़ी ख़ाक
मिलकर रहेंगे तो गाड़ी चलेगी
खफ़ा रहे तो रुकेगी
गाड़ी रुकी तो
हम खतरे में आ जायेंगे
गाड़ी ही न होगी तो
किधर जायेंगे
©Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात)
#सुप्रभात