अब लोगों में पहले वाली मोहब्बत व चाहत और प्यार कहाँ है बाकी़
हर किसी को एक दूसरे से कितना तवक़्क़ो था, पर अब वो ऐतबार कहाँ है बाक़ी
चंद रुपयों के लालच में अब तो किया जा रहा है ईमान का सौदा
हर एक इंसां में अब हुस्न-ए-किरदार कहाँ है बाक़ी
मो. इक्साद अंसारी
MD Iksad Ansari