शिकायत नहीं तुझसे कोई
अब बस खुद से ही खफा हूं !!
कोई आईना टूटा हो जैसे
अब यूं अपने ख्वाबों को देखती हूं !!
कोई रंग नहीं भाता इस दिल को
अब यूं बेरंग ज़िंदगी जीती हूं !!
आराम है मेरी रूह को थोड़ा थोड़ा
अब यूं रोज अपने आप को बताती हूं !!
रूठ गई है कुछ खुशियां मुझसे
अब यूं हर तन्हाई से बातें करती हूं !!
आसमां तले एक आशियाना बना
अब यूं सितारों में अपना अक्श देखती हूं !!
चाहत इश्क नफरत गुस्सा सब है मुझमें
अब यूं हर सवाल का जवाब देती हूं !!
हर दर्द को आसुओं में बहाकर
अब यूं खुद को रोज हिम्मत देती हूं !!
नया सवेरा नई उमंग नया मेरा किरदार होगा
अब यूं हर रात अपने कल की छवि देखती हूं !!
©Meenu Dalal@185
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