White मान करो, सम्मान करो,
न कभी भी बदनाम करो।
गर फूल न बन सको तुम,
काँटो सा न तुम काम करो।
क्या रख्खा है ऊँच नीच में,
सबका ही तुम ध्यान करो।
इंसान को इंसान समझ लो,
न खुद का तुम गुणगान करो।
कर के नाश कहे अविनाशी हूँ,
तुम ईश्वर का न अपमान करो।
©अनिल कसेर "उजाला"
ईश्वर