ये तूफ़ान,ये बारिशें कहां मेरा रास्ता रोक पाती है, | हिंदी शायरी

"ये तूफ़ान,ये बारिशें कहां मेरा रास्ता रोक पाती है, इक तेरी ख़ामोशी मेरे गाल गीले कर जाती है। ज़ख्मों को बड़े करीने से सजाता हूं ज़ेहन में, मगर तेरी याद सब कुछ बेतरतीब कर जाती है। @ पीयू'प्रीत' ©pushpendra naruka"

 ये तूफ़ान,ये बारिशें कहां मेरा रास्ता रोक पाती है, 
इक तेरी ख़ामोशी मेरे गाल गीले कर जाती है।

 ज़ख्मों को बड़े करीने से सजाता हूं ज़ेहन में, 
मगर तेरी याद सब कुछ बेतरतीब कर जाती है।
                                   @ पीयू'प्रीत'

©pushpendra naruka

ये तूफ़ान,ये बारिशें कहां मेरा रास्ता रोक पाती है, इक तेरी ख़ामोशी मेरे गाल गीले कर जाती है। ज़ख्मों को बड़े करीने से सजाता हूं ज़ेहन में, मगर तेरी याद सब कुछ बेतरतीब कर जाती है। @ पीयू'प्रीत' ©pushpendra naruka

#यादें

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