कभी किताबों में ढूंढा करते, तो कभी अंधेरों में ढूं | हिंदी शायरी
"कभी किताबों में ढूंढा करते, तो कभी अंधेरों में ढूंढा करते।
मिलती बसं तन्हाई ,बैठ यू रोया करते।
उस रोज रो रो कर हम, दोस्त की यू बाँहे ना भरते।।
अगर उस रोज तुम हां करते"
कभी किताबों में ढूंढा करते, तो कभी अंधेरों में ढूंढा करते।
मिलती बसं तन्हाई ,बैठ यू रोया करते।
उस रोज रो रो कर हम, दोस्त की यू बाँहे ना भरते।।
अगर उस रोज तुम हां करते