हम बहुत दिनों तक 'ठीक होने' का नाटक करते रहते हैं।
फिर एक दिन कोई हमारे कंधों पर हाथ रखकर,
आँखों में एकटक झाँकते हुए जब पूछता है हमसे -
"तुम ठीक हो"?
हम जाने किस बात पर फफक कर रो पड़ते हैं।
हम सब एक अरसे तक अपना 'ठीक ना होना' सिर्फ इस वजह से छिपाते हैं कि एक दिन अचानक ऐसे ही एक सवाल पर ठीक से रो सकें, और ठीक हो सकें।
-निखिल श्रीवास्तव
#nojoto #nojotohindi