मुस्कुराने की अदा हमने पाई है
खिल ने का सबब हम जानते है
गुलशन मे रौनक इन गुलाब से है
इन गुकाब ने सारे चमन को
निखत से महकाया है
दिल बढ़ा मुअत्तर मुआत्तर
सा महसूस होता है
फूलो की निखत ने कितने दिलो को
धड़काया है
निखत ( khushboo)
©NIKHAT دل سے درد کا رشتہ