लड़खड़ाते कदमो को संभाले कोई
या फिर नन्ही कलियों को पाले कोई
में जुगनू हूँ मुझे अंधेरा पसन्द है
मेरी आंखों से हटाए उजाले कोई
पेड़ बूढ़ा है फल नही तो छाया देगा
माँ बाप को घर से ना निकाले कोई
दोनों पहलू दिख जाए आसानी से
गलती का सिक्का यूँ उछाले कोई
हालात ऐसे भूख पहली जरूरत थी
डर ऐसा की पढ़ने ना बुला ले कोई
ग़मो की भूख से भूखा हूँ "सार"
खिला दे खुशी के दो निवाले कोई
©SAnjeeV STatus king
#hangout