अरज स्वीकार हो जाये
मेरा सरकार हो जाये
कृपा की हो नज़र तेरी
मेरा उद्धार हो जाये
लगा लोगे जो चरणों से
बड़ा उपकार हो जाये..
अधम भी भव समंदर से
सहज ही पार हो जाये..
सुना है तू दयालु है
दया दो चार हो जाये..
बना चाकर रखा ले तू
ठिकाना द्वार हो जाये..
©अज्ञात
#अर्ज