बेइंतहा चाहत मे डुब,तुझे पाने को तरस रही हूँ मौत क | हिंदी Love
"बेइंतहा चाहत मे डुब,तुझे पाने को तरस रही हूँ
मौत की दुआ मांग,खुदा से बिन्ते कर रही हूँ,
इसलिए तो कह रही हूँ,
तेरे नाम एक आखरी खत लिखने को तरस रही हूँ,
कलम मे स्याही भर रही हूँ,कलम मे स्याही भर रही हूँ।।
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बेइंतहा चाहत मे डुब,तुझे पाने को तरस रही हूँ
मौत की दुआ मांग,खुदा से बिन्ते कर रही हूँ,
इसलिए तो कह रही हूँ,
तेरे नाम एक आखरी खत लिखने को तरस रही हूँ,
कलम मे स्याही भर रही हूँ,कलम मे स्याही भर रही हूँ।।