Vote *आखिर कब तक*
ये बतों की तलब
ख्वाबों में तेरी झलक
तुझे देखने की उत्सुकता
मिलने की बेचैनी
आखिर कब तक..
कब तक करूं मैं इंतज़ार तेरा
तुझे पाने की चाहत
मगर खो देने का डर
लबों पर मेरे
तेरे नाम की मुस्कुराहट
तेरे नाम का मुझसे छीन
जाने का डर,,
आखिर कब तक
कब तक इस डर के साथ जिऊ मैं
क्यों नहीं हो जाता एहसास
की अब तू मेरे रंग में रंग गया
की अब तू पूरी तरह से
अपने प्रीत का हो गया !!
#shabadpritke 🖤
©shabad prit ke
#shabadpritke