कलम- ए- मोहब्बत की जनूब में दुहाई रे
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(South)
मेरी हसरत -ए- ज़िंदगी में शमाल समाई रे।
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(North)
तेरे इश्क की खुशबू मशरिक़ से आई रे
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(East)
आज भी ढूंढता हूं तेरी मगरिब में परछाई रे।
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(West)
©Himmat Singh
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