तुम्हारी आँखों मैं डूब जाने को जी चाहता हैं
सकीं तुम्हारी आँखों से जी भरके पीने को जी चाहता हैं
तुम्हारी नीली नीली झील सी आँखों मैं
ख़्वाब सजाने को जी चाहता हैं
तुम्हारी सबाब भारी आँखों मैं
मदहोश होने को जी चाहता हैं
तुम्हारी नागिन सी आँखों मैं,
कोमल सी जुल्फों मैं खोने को जी चाहता है
तुम्हारी आँखों की अंगड़ाईयों की
आगोश मैं खो जाने को दिल चाहता हैं
तुम्हरी आँखों से आँखें चार करने को जी चाहता है
तुम्हारे जिस्म को ओड कर सोने को जी चाहता हैं
©Rashid MoMeen