"स्वयं हलाहल पान किया।
देवों को अमृत दान दिया।
कंठ में विश धारण कर,
जग में नीलकंठ नाम लिया।
शिव को जिसने जान लिया।
शिव का जिसने ध्यान किया।
आवागमन से मुक्त होने का,
शिव ने ही हमको ज्ञान दिया।
महाशिवरात्रि का पर्व है आया।
पूरी धरा को हमने है सजाया।
शिवलिंग पर करके अभिषेक,
हर हर महादेव का नाद लगाया।
✍🏽सुमित मानधना गौरव😎
©SumitGaurav2005"