मैं टुटे दिल का आशिक नहीं, एक कवि हूं जो रंग बसा र | हिंदी कविता Video

"मैं टुटे दिल का आशिक नहीं, एक कवि हूं जो रंग बसा रचनाओं में शब्दों की लहरों में बहता हूं, भावनाओं के सागर में उड़ता हूं आकाश में| मेरी कविताएँ नहीं ज़ुबानों का ज़ोर, बल्कि दिल की गहराइयों की धड़कन हैं। टूटे हुए इश्क़ के टुकड़ों से, सजाता हूं रचनाओं की वाणी को संगीत के सवारी बनाकर। हर शब्द मेरे अंदर की कहानी है, हर पंक्ति मेरे जीवन के आयाम हैं। टूटे हुए दिल की आवाज़ हूं मैं, जो विरह के दरिया में बहती हैं विचारों की नावों के संग। अनगिनत रंगों को मैं छाता हूं, भावों के सच्चे संगीत को मैं सुनता हूं। सौंदर्य की छाँव को ज़मीं पर छोड़ दिया, विचारों की उड़ान में मैं बसा हुआ हूं। जहां दिल के आशिक खो जाते हैं, मैं वहां सौंदर्य की मूरतें बनाता हूं। कविता के माध्यम से जगाता हूं अन्धकार, सुनता हूं दर्दों की आहट को मैं संगीत के अर्ध-तराजू में। मैं टुटे दिल का आशिक नहीं एक कवि हु जो रंग बसा रचनाओं में ©Anil Prajapat "

मैं टुटे दिल का आशिक नहीं, एक कवि हूं जो रंग बसा रचनाओं में शब्दों की लहरों में बहता हूं, भावनाओं के सागर में उड़ता हूं आकाश में| मेरी कविताएँ नहीं ज़ुबानों का ज़ोर, बल्कि दिल की गहराइयों की धड़कन हैं। टूटे हुए इश्क़ के टुकड़ों से, सजाता हूं रचनाओं की वाणी को संगीत के सवारी बनाकर। हर शब्द मेरे अंदर की कहानी है, हर पंक्ति मेरे जीवन के आयाम हैं। टूटे हुए दिल की आवाज़ हूं मैं, जो विरह के दरिया में बहती हैं विचारों की नावों के संग। अनगिनत रंगों को मैं छाता हूं, भावों के सच्चे संगीत को मैं सुनता हूं। सौंदर्य की छाँव को ज़मीं पर छोड़ दिया, विचारों की उड़ान में मैं बसा हुआ हूं। जहां दिल के आशिक खो जाते हैं, मैं वहां सौंदर्य की मूरतें बनाता हूं। कविता के माध्यम से जगाता हूं अन्धकार, सुनता हूं दर्दों की आहट को मैं संगीत के अर्ध-तराजू में। मैं टुटे दिल का आशिक नहीं एक कवि हु जो रंग बसा रचनाओं में ©Anil Prajapat

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