लिखते लिखते लिख गया उदास दिल के अफसाने लिखना कुछ | हिंदी शायरी

"लिखते लिखते लिख गया उदास दिल के अफसाने लिखना कुछ और था पता नही क्या क्या लिख डाले अब लिखने के बाद कोई तो होना चाहिए पढ़ने वाले ना अपना लिख सका न पराया लिख सका उन्हें आज भी होती है बात कभी तो न अपना कह सका न पराया कह सका, आज भी ©Vipin Neha"

 लिखते लिखते लिख गया 
उदास दिल के अफसाने
लिखना कुछ और था 
पता नही क्या क्या लिख डाले
अब लिखने के बाद 
कोई तो होना चाहिए पढ़ने वाले
ना अपना लिख सका न पराया 
लिख सका उन्हें आज भी
होती है बात कभी तो न 
अपना कह सका न पराया कह सका, आज भी

©Vipin Neha

लिखते लिखते लिख गया उदास दिल के अफसाने लिखना कुछ और था पता नही क्या क्या लिख डाले अब लिखने के बाद कोई तो होना चाहिए पढ़ने वाले ना अपना लिख सका न पराया लिख सका उन्हें आज भी होती है बात कभी तो न अपना कह सका न पराया कह सका, आज भी ©Vipin Neha

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