White जिनके ज़हनो मे अदावत के सुर मचलते है, ऐसे अदु | हिंदी Shayari

"White जिनके ज़हनो मे अदावत के सुर मचलते है, ऐसे अदुओ को आइन नहीं मसलते है//१ जो*जांसिता झूंडो मे टूट पड़ते है,वो रहनुमाओ के*सरमायो पे उछलते है//२ चारसू देश मे दंगा ना हो जाए कहीं,ऐसे माहौल मे क्या लोग संभल सकते है//३ हो गया इंसा-इंसा के लहूं का प्यासा,अपने घर में ही अब अपनों से सब सिहरते है//४ "शमा"कुंद-ज़हनों मे उल्फत की*मेह बरसा दों, के नफरतों मे तो मुर्दे ही लोग जलते है//५ *जंग लगे दिमाग़*वर्षा #shamawritesbebaak ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर"

 White जिनके ज़हनो मे अदावत के सुर मचलते है,
ऐसे अदुओ को आइन नहीं मसलते है//१

जो*जांसिता झूंडो मे टूट पड़ते है,वो
 रहनुमाओ के*सरमायो पे उछलते है//२

चारसू देश मे दंगा ना हो जाए कहीं,ऐसे
माहौल मे क्या लोग संभल सकते है//३

हो गया इंसा-इंसा के लहूं का प्यासा,अपने
घर में ही अब अपनों से सब सिहरते है//४

"शमा"कुंद-ज़हनों मे उल्फत की*मेह बरसा दों,
के नफरतों मे तो मुर्दे ही लोग जलते है//५
*जंग लगे दिमाग़*वर्षा
#shamawritesbebaak

©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर

White जिनके ज़हनो मे अदावत के सुर मचलते है, ऐसे अदुओ को आइन नहीं मसलते है//१ जो*जांसिता झूंडो मे टूट पड़ते है,वो रहनुमाओ के*सरमायो पे उछलते है//२ चारसू देश मे दंगा ना हो जाए कहीं,ऐसे माहौल मे क्या लोग संभल सकते है//३ हो गया इंसा-इंसा के लहूं का प्यासा,अपने घर में ही अब अपनों से सब सिहरते है//४ "शमा"कुंद-ज़हनों मे उल्फत की*मेह बरसा दों, के नफरतों मे तो मुर्दे ही लोग जलते है//५ *जंग लगे दिमाग़*वर्षा #shamawritesbebaak ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर

#life_quotes जिनके ज़हनो मे अदावत के सुर मचलते है,ऐसे अदुओ को आइन नहीं मसलते है//१

जो*जांसिता झूंडो मे टूट पड़ते है,वो रहनुमाओ के*सरमायो पे उछलते है//२
*जानलेवा*खज़ाना

चारसू देश मे दंगा ना हो जाए कहीं,ऐसे माहौल मे क्या लोग संभल सकते है//३

हो गया इंसा-इंसा के लहूं का प्यासा,अपने घर में ही अब अपनों से सब सिहरते है//४

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