वोटों के खातिर निकले हैं ,
कुछ सौदागर लेके बण्डल नोटों के ,………….
बिकती है हर चीज यहाँ ,
खरीदार है यहाँ कुछ नेता वोटों के ,………….
भ्रष्टाचार को भ्रष्टाचार के नाम से ही बेच रहे है ,
काले धन के है ये वेपारी वोटों के। ………….
गरीबी वो क्या मिटायेंगे ? मिटाकर गरीबों को ,
जमीन भी बेच खायी , ये सौदागर हैं वोटों के……………..
वोटों के खातिर निकले हैं ,
कुछ सौदागर लेके बण्डल नोटों के ,………….
©Harish Chouhan
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