White उतार शराफत का मुखौटा कभी, सच्चाई से भी सामना | हिंदी शायरी

"White उतार शराफत का मुखौटा कभी, सच्चाई से भी सामना कर। बारिश हो या आँधियाँ रास्ते में, बस मंज़िल की बात किया कर। मानता हूँ, लोग करते हैं बातें हज़ार, बस अपने सफर का इरादा कर। मुश्किलें बहुत हैं, पर हार न मान, मायूसियों को हंसकर दूर किया कर। थाम ले एक बार फिर से हाथ, यूँ बार-बार ना हाथ छुड़ाया कर। उकेर दे आसमान में अपनी तस्वीर, अपने महबूब पर ऐतबार किया कर। होने दे चर्चे अपने इश्क़ के यार, ऐसी बातों से तू ना घबराया कर। नकार दे दुनियादारी की बातों को, इश्क़ की धुन यूँ ही गुनगुनाया कर। ©theABHAYSINGH_BIPIN"

 White उतार शराफत का मुखौटा कभी,
सच्चाई से भी सामना कर।
बारिश हो या आँधियाँ रास्ते में,
बस मंज़िल की बात किया कर।

मानता हूँ, लोग करते हैं बातें हज़ार,
बस अपने सफर का इरादा कर।
मुश्किलें बहुत हैं, पर हार न मान,
मायूसियों को हंसकर दूर किया कर।

थाम ले एक बार फिर से हाथ,
यूँ बार-बार ना हाथ छुड़ाया कर।
उकेर दे आसमान में अपनी तस्वीर,
अपने महबूब पर ऐतबार किया कर।

होने दे चर्चे अपने इश्क़ के यार,
ऐसी बातों से तू ना घबराया कर।
नकार दे दुनियादारी की बातों को,
इश्क़ की धुन यूँ ही गुनगुनाया कर।

©theABHAYSINGH_BIPIN

White उतार शराफत का मुखौटा कभी, सच्चाई से भी सामना कर। बारिश हो या आँधियाँ रास्ते में, बस मंज़िल की बात किया कर। मानता हूँ, लोग करते हैं बातें हज़ार, बस अपने सफर का इरादा कर। मुश्किलें बहुत हैं, पर हार न मान, मायूसियों को हंसकर दूर किया कर। थाम ले एक बार फिर से हाथ, यूँ बार-बार ना हाथ छुड़ाया कर। उकेर दे आसमान में अपनी तस्वीर, अपने महबूब पर ऐतबार किया कर। होने दे चर्चे अपने इश्क़ के यार, ऐसी बातों से तू ना घबराया कर। नकार दे दुनियादारी की बातों को, इश्क़ की धुन यूँ ही गुनगुनाया कर। ©theABHAYSINGH_BIPIN

#love_shayari
उतार शराफत का मुखौटा कभी,
सच्चाई से भी सामना कर।
बारिश हो या आँधियाँ रास्ते में,
बस मंज़िल की बात किया कर।

मानता हूँ, लोग करते हैं बातें हज़ार,
बस अपने सफर का इरादा कर।

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