किसी का साथी
किसी का सहारा
किसी की सर की छत
किसी का रोव
किसी की चूड़ी बिंदी सिंदूर
किसी की आंखों का तारा
किसी का हमसफर किसी का हमदर्द है
मगर किसी को यह नहीं कहता
कि उसके सीने में कितना दर्द है
क्योंकि छोटी उम्र में ही मां ने प्यार से सर पर हाथ रख कर
कहा था बेटा रोना नहीं तू तो मर्द है
विशाल भारतीय
की कलम से
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©Vishal bhartiya
#अल्फाज
#Time