जिसकी कभी ना मैंने गर्दन झुकण दी वो बाट देख रही है | हिंदी शायरी

"जिसकी कभी ना मैंने गर्दन झुकण दी वो बाट देख रही है मेरी अर्थी उठण की ©Joginder Dahiya"

 जिसकी कभी ना मैंने गर्दन झुकण दी
वो बाट देख रही है मेरी अर्थी उठण की

©Joginder Dahiya

जिसकी कभी ना मैंने गर्दन झुकण दी वो बाट देख रही है मेरी अर्थी उठण की ©Joginder Dahiya

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