खिलौना बनकर रह गई है जिंदगी, जो जैसा चलाता है चलना | हिंदी Poetry

"खिलौना बनकर रह गई है जिंदगी, जो जैसा चलाता है चलना पड़ता है ख्वाहिशें कही दफन हो गई है, दूसरो की ख्वाहिशें पूरी करते करते जिंदगी ही पूरी हो गई है। ©Heer"

 खिलौना बनकर रह गई है जिंदगी,
जो जैसा चलाता है चलना पड़ता है

ख्वाहिशें कही दफन हो गई है,
दूसरो की ख्वाहिशें पूरी करते करते 
जिंदगी ही पूरी हो गई है।

©Heer

खिलौना बनकर रह गई है जिंदगी, जो जैसा चलाता है चलना पड़ता है ख्वाहिशें कही दफन हो गई है, दूसरो की ख्वाहिशें पूरी करते करते जिंदगी ही पूरी हो गई है। ©Heer

#खिलौना_ही_थे

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