सताता है है मनाता है, सदा ही तंग करता है। बहन का ब | हिंदी कविता

"सताता है है मनाता है, सदा ही तंग करता है। बहन का बन कवच आता, कोई जब प्रश्न करता है। बुराई लाख हो जग में बुरा संसार हो सारा, दुसाशन हार जाते हैं भाई जब कृष्ण बनता है। ©Rinki Kamal Raghuwanshi surbhi"

 सताता है है मनाता है,
सदा ही तंग करता है।
बहन का बन कवच आता,
कोई जब प्रश्न करता है।
बुराई लाख हो जग में
 बुरा संसार हो सारा,
दुसाशन हार जाते हैं
भाई जब कृष्ण बनता है।

©Rinki Kamal Raghuwanshi surbhi

सताता है है मनाता है, सदा ही तंग करता है। बहन का बन कवच आता, कोई जब प्रश्न करता है। बुराई लाख हो जग में बुरा संसार हो सारा, दुसाशन हार जाते हैं भाई जब कृष्ण बनता है। ©Rinki Kamal Raghuwanshi surbhi

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