अधूरे अल्फ़ाज़ रह गए कुछ हमारे भी। न ही कह पाए न लिख

"अधूरे अल्फ़ाज़ रह गए कुछ हमारे भी। न ही कह पाए न लिखा ही। समझाते भी कैसे उन्हे दर्द ए दिल की दासताँ वो तो इशारे भी न समझे हमारे ही।"

 अधूरे अल्फ़ाज़ रह गए कुछ हमारे भी।
न ही कह पाए न लिखा ही।
समझाते भी कैसे उन्हे दर्द  ए दिल की दासताँ 
वो तो इशारे भी न समझे हमारे ही।

अधूरे अल्फ़ाज़ रह गए कुछ हमारे भी। न ही कह पाए न लिखा ही। समझाते भी कैसे उन्हे दर्द ए दिल की दासताँ वो तो इशारे भी न समझे हमारे ही।

#adhurealfaz 😣

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