Unsplash समझ लेते हैं बिना कहे अब बात सबकी
बस यही जिंदगी का तजुर्बा है
वो कहते है अब बात कम करते हो तुम
हा चुप रहता हू यही सबको खटकता है
असल मे बात क्या करे ,जो बात हो ही नहीं सकती
जुदा हैं हम बस यही जेहन मे अटकता है✍️✍️✍️
©Gyan Aavesh
#Book shayari sad