क्या लिखूं मैं इस,
की तुझ पर भी असर हो जाए।
चलता रहूँ कुछ ऐसे,
के हर लम्हा मेरा एक सफर हो जाए।
बातें करूँ कुकब ऐसी तुझ से,
याद दिलाऊँ..
की हर किस्सा ही अमर हो जाए।
ख़ामोश हो जाऊं.. क्या एक पल के लिए,
के बिना बोले ही तू मेरा हिस्सा हो जाये।
तेरी हंसी को बांध दूँ कागज में,
के पढ़े जो भी...
वो बस तुझपे ही फना हो जाए।
बेसब्र आंखों को तेरी,
लिख दूँ कुछ ऐसे करीने से,
के देखे लफ़्ज़ों को कोई मेरे,
ओर तुझसे राबता हो जाए।
क्या लिखूँ मैं ऐसा,
के हर लफ्ज़ मेरा भी कैम हो जाए।
#Hope #इश्क़