मेरी कलम में इतनी ताकत नहीं की माँ पर कुछ लिख सके।

"मेरी कलम में इतनी ताकत नहीं की माँ पर कुछ लिख सके। जब भी कानों ने खुदा सुना, नज़रें माँ पर आ के ठहर गयीं।"

 मेरी कलम में इतनी ताकत नहीं की माँ पर कुछ लिख सके।
जब भी कानों ने खुदा सुना, नज़रें माँ पर आ के ठहर गयीं।

मेरी कलम में इतनी ताकत नहीं की माँ पर कुछ लिख सके। जब भी कानों ने खुदा सुना, नज़रें माँ पर आ के ठहर गयीं।

#Wish

People who shared love close

More like this

Trending Topic