White मेरी मां की गालियों पर ताली बजा रहे हो अजी | English Poetry

"White मेरी मां की गालियों पर ताली बजा रहे हो अजी आप तो खानदानी इज्जतदार हो आप दोनो तरफ जो आग बेवजह लगा रहे हो अजी आप तो साक्षात नारदमुनि के अवतार हो और ये मंडली जो बैठा रहे हो मेरे खिलाफ तुम कभी सुना है तुमने की कुत्तों से शेर का शिकार हो पीठ पीछे हमारी बातें भरी महफिल में कर रहे हो अजी आप क्या अपनी गुनाहों के कम जिम्मेदार हो तुम्हारे मुख की गालियां तुम्हारी मां ने सुनी होती शायद उन्हें भी भरे बाजार में अपने बलात्कार का इंतजार हो बंद कर देते हैं यहां आईडी किसी के कहने पर नोजोटो वाले अजी इज्जतदार समझे थे पर आप तो पूरे मक्कार हो और जो चांटे पड़े हैं मेरी अस्मत पर इन दिनों अजी भरी महफिल में उसका इलाज बार बार हो जो खड़े थे मेरे साथ जमाने के खिलाफ अजी उनके सम्मान में तालियों की गूंज जोरदार हो ©शिवम् सिंह भूमि"

 White  मेरी मां की गालियों पर ताली बजा रहे हो
अजी आप तो खानदानी इज्जतदार हो

आप दोनो तरफ जो आग बेवजह लगा रहे हो
अजी आप तो साक्षात नारदमुनि के अवतार हो

और ये मंडली जो बैठा रहे हो मेरे खिलाफ तुम
कभी सुना है तुमने की कुत्तों से शेर का शिकार हो

पीठ पीछे हमारी बातें भरी महफिल में कर रहे हो
अजी आप क्या अपनी गुनाहों के कम जिम्मेदार हो

तुम्हारे मुख की गालियां तुम्हारी मां ने सुनी होती शायद
उन्हें भी भरे बाजार में अपने बलात्कार का इंतजार हो

बंद कर देते हैं यहां आईडी किसी के कहने पर नोजोटो वाले
अजी इज्जतदार समझे थे पर आप तो पूरे मक्कार हो

और जो चांटे पड़े हैं मेरी अस्मत पर इन दिनों
अजी भरी महफिल में उसका इलाज बार बार हो

जो खड़े थे मेरे साथ जमाने के खिलाफ 
 अजी उनके सम्मान में तालियों की गूंज जोरदार हो

©शिवम् सिंह भूमि

White मेरी मां की गालियों पर ताली बजा रहे हो अजी आप तो खानदानी इज्जतदार हो आप दोनो तरफ जो आग बेवजह लगा रहे हो अजी आप तो साक्षात नारदमुनि के अवतार हो और ये मंडली जो बैठा रहे हो मेरे खिलाफ तुम कभी सुना है तुमने की कुत्तों से शेर का शिकार हो पीठ पीछे हमारी बातें भरी महफिल में कर रहे हो अजी आप क्या अपनी गुनाहों के कम जिम्मेदार हो तुम्हारे मुख की गालियां तुम्हारी मां ने सुनी होती शायद उन्हें भी भरे बाजार में अपने बलात्कार का इंतजार हो बंद कर देते हैं यहां आईडी किसी के कहने पर नोजोटो वाले अजी इज्जतदार समझे थे पर आप तो पूरे मक्कार हो और जो चांटे पड़े हैं मेरी अस्मत पर इन दिनों अजी भरी महफिल में उसका इलाज बार बार हो जो खड़े थे मेरे साथ जमाने के खिलाफ अजी उनके सम्मान में तालियों की गूंज जोरदार हो ©शिवम् सिंह भूमि

Aji aap toh pure makkar ho


#good_night

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