लम्हे गुजरते गए, हादसों की तरह फासलो की तमन्ना पूर | हिंदी कविता Video

"लम्हे गुजरते गए, हादसों की तरह फासलो की तमन्ना पूरी हुई । कुछ लिखा हमने शब्दो के भाव में तलाश तुम्हारी शुरू हुई । ©अभिषेक सिंह "

लम्हे गुजरते गए, हादसों की तरह फासलो की तमन्ना पूरी हुई । कुछ लिखा हमने शब्दो के भाव में तलाश तुम्हारी शुरू हुई । ©अभिषेक सिंह

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