अश्क़ से आज आँखों में क्यों हैं आये हुए,
गुजर गया है ज़माना तुझे भुलाये हुए।
तू इश्क की दूसरी निशानी दे दे मुझको,
आँसू तो रोज गिर कर सूख जाते हैं।
मेरे दिल में न आओ वर्ना डूब जाओगे,
ग़म के आँसू का समंदर है मेरे अन्दर।
पिरो दिये मेरे आँसू हवा ने शाखों में,
भरम बहार का बाकी रहा आँखों में।
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©अ..से..(अखिलेश).$S....'''''''''!
#Aansu